राजस्थानी नैं मान अर मानता जनता खुद देवै तो बात बणै :- डॉ मधु आचार्य आशावादी
उल्थाकार मनोजकुमार स्वामी रै उपन्यास कोठे खड़क सिंघ रै लोकार्पण पर उठाई मानता री मांग
सूरतगढ
3/11/2019
सिरकारां सूं राजस्थानी भासा री मानता री मांग करता थकां आधी सईकै सूं जादा टैम होग्यो पण हाल तांई मानता मिली कानी। अब टैम आग्यो कै राजस्थानी भासा नैं पैलपोत जनता खुद मान अर मानता देवै। इण रै पछै सरकारी मानता री जरूरत ई नी रेवैली। मानता रो काम फगत साहित्यकारां रो नी है। हर राजस्थानी रो ओ फर्ज बणै कै बो खुद जन जन री भासा राजस्थानी रै बधापै सारू काम करै अर बोवार री भासा बणावै। केंद्रीय साहित्य अकादमी में राजस्थानी भासा रा संयोजक अर कार्यक्रम रा सिरै पावणा डॉ मधु आचार्य आशावादी आ बात कही। पंजाबी रा मानीता लिखारा रामस्वरूप अणखी रै मूळ पंजाबी उपन्यास रो राजस्थानी में उल्थौ करणवाळा मनोज कुमार स्वामी री पोथी रो लोकार्पण महेश्वरी धर्मशाळा सूरतगढ में होयो।
खास पावणा रंगकर्मी हरीश बी शर्मा कैयो कै मनोज स्वामी जमीन सूं जुड़्या लिखारा है। उणां पंजाबी ग्रामीण परिवेश अर संस्कृति नैं इण भांत अंगेजी है कै इंया लखावै जाणै ओ राजस्थानी भासा रो ई उपन्यास है। पत्र बांचतै टैम राजाराम स्वर्णकार जबरै ढंग सूं लोगां नैं उपन्यास सूं रूबरू करवाया। मनोज स्वामी रै काम नैं एतिहासिक बतायो।
लिखारा मनोज स्वामी आप रै पड़ाई अर संघर्ष रै दिनां रै बैली भालाराम कोटवाळ, महावीर चीनिया, सीताराम शर्मा नैं मंच माथै बुलाय'र सम्मानित कर्या। इण मौके हरीश स्वामी, अशोक स्वामी, रेणु स्वामी, अल्का स्वामी आपरा नीजू संस्मरण सीर करया। राजस्थानी रंग सूं रचेड़ै कार्यक्रम में लोकगायक सुभाष कटारिया राजस्थानी गीत म्हारो गौरबंध नखराळो सुणा'र जीव सोरो कर दियो। राजस्थानी रामलीला रा कलाकारां लोगां रै सामै संवाद निजर करया। गरिमा, रश्मी, तपेश सणै अलेखूं कलाकारां आपरी कला दिखाई। इण रै पछै पावणा नैं चादर उढाय'र अर ओल्यूं री सैनाणी देय'र सम्मानित कर्या। इण मौके बोधि फाऊंडेशन रै पोथीखानै सारू पोथी भेंट करीजी।
कार्यक्रम शायर राजेश चड्ढा, डॉ. हरिमोहन सारस्वत, महावीर भोजक, प्रह्लाद राय पारीक, बलराम कुकड़वाल, रामकुमार भांभू, राजू सारसर राज, रामेश्वर दयाल तिवाड़ी राही, संजय बैद, संजय चौधरी, सतीश छिंपा, हरीश हैरी, शिव बोधि, राजेंद्र निब्बाण, राजीव शर्मा, मोहन डेलू, ललित सिडाना, आशा शर्मा, डॉ बी एम अग्रवाल, हेमंत चांडक, ओम साबणिया, सीताराम शर्मा, डॉ संजीव मदान, श्योपतसिंह भाटी, प्रदीप तिवाड़ी, नेमीचंद छिंपा, सुगनपुरी, कैलाश सोनी, अनिल धानुका, सुरेन्द्र सिंह राठौड़, सावित्री स्वामी, अश्विनी स्वामी,भवानी भोजक,रामकरण पूनम प्रजापति (यथार्थ) सलीम बांगड़वा सणै अलेखूं मौजिज लोगां शिरकत करी। बडेरचारो करता थकां सुंदरदेवी साबणिया सगळां रो मोकळो आभार जतायो।